प्रेम स्पन्दन है...
प्रेम अनुभूति है...
प्रेम में उलझन नहीं, प्रेम में सुलझन है...
प्रेम को सिर्फ महसूस किया जा सकता है, हवा की तरह, खुशबू की तरह,...
प्रेम एक अनुभूति है, एक जीवन है, एक धुन है, एक सफर है, एक कोमल अंतर्भाव है
प्रेम एक ऊर्जा है...
और ऊर्जा अक्षुण है...जो कभी मिटता नहीं, नष्ट नहीं होता अपितु
रूपांतरित होता है।
प्रेम में वह सामर्थ्य है जो बंजर भूमि में भी एक अंकुर को विशाल वृक्ष बना देता है
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