भारत एक विशाल देश है। आपके मन में भी सवाल उत्पन्न होता होगा कि, इतना बड़ा देश आखिर चलता कैसे है? आप सब जानते हैं कि जिस तरह एक घर, विद्यालय, या किसी भी संस्था के अपने नियम होते हैं जिसको आप और हम सब फॉलो करते हैं, ठीक वैसे ही हमारे देश भारत के भी कुछ नियम है जिसे यहाँ यानी कि इस देश में रहने वाले फॉलो करते हैं, और उस नियमावली का नाम संविधान है। तो आपको इस बात का जवाब मिल गया होगा कि "भारत का संविधान क्या है?" या फिर संविधान किसे कहते हैं।
अब लेख के अगले हिस्से में हम जानेंगे कि हमारे यानी कि भारत के संविधान का परिचय। जिसमें हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि, हमारे देश में संविधान कब बना? संविधान निर्माण में कितना समय लगा? और सबसे महत्वपूर्ण कि हमारे देश के संविधान निर्माताओं की मंशा क्या था? तो चलिए शुरू करते हैं।
इंडिया जिसे पूरी दुनिया में भारत के नाम से भी जाना जाता है, राज्यों का एक संघ है।
यह सरकार की संसदीय प्रणाली के साथ एक संप्रभु समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य है। गणतंत्र भारत इसके संविधान के अनुसार शासित है जिसे 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। संविधान एक परिचय सरकार के एक संसदीय रूप का प्रावधान करता है जो कुछ एकात्मक के साथ संरचना में संघीय है।
विशेषताएं:-
संघ की कार्यपालिका का संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति होता है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार, संघ की संसद की परिषद में राष्ट्रपति और दो सदन होते हैं जिन्हें राज्यों की परिषद (राज्य सभा) और लोक सभा (लोकसभा) के रूप में जाना जाता है।
संविधान के अनुच्छेद 74(1) में यह प्रावधान है कि राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए प्रधान मंत्री के साथ एक मंत्रिपरिषद होगी, जो सलाह के अनुसार अपने कार्यों का प्रयोग करेगी। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति प्रधान मंत्री के साथ मंत्रिपरिषद में निहित होती है।
तो दोस्तों आपको भारत के संविधान का परिचय कैसा लगा, आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं। अगले आर्टिकल में मैं आपके लिए संविधान से जुड़ी और जानकारी लेकर आऊंगा।
🇮🇳जय हिंद 🇮🇳
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