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प्रेम परिभाषा

प्रिय ! कभी देखना तुम एक चट्टान को प्रेम से स्पर्श करके तुम पाओगे की वह तिरक आयी है एक नन्ही सी कोंपल फूटने को है प्रेम में बड़ा अभूतपूर्व सामर्थ्य है यह अपनी ऊष्मा से पाषाण द्रवित कर दे यह वह सब कुछ कर सकता है जो तुम्हार बल कभी नहीं कर सकता...

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