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बिखरे ख्वाब

कुछ अधूरे ख्वाब उन सूखे पत्तों की तरह होते हैं जो हवा के स्पर्श से टहनी से टूट कर जमीन पर बिखर तो जाते हैं, मगर जब भी हवा चलती है तो वो  सरसराहट के साथ एक सिहरन सी पैदा करते हैं तब तक जब तक कि वो पूरी तरह से अपघटित होकर मिट्टी में नही मिल जाते....
       #बिखरेख्वाब

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